भारतीय लोकतंत्र के ऊपरी प्रतिनिधि सभा राज्यसभा के सदस्यों की संख्या 250 तक हो सकती है। फिलहाल इसके 245 सदस्य हैं।
3 अप्रैल 1952 को हुआ था राज्यसभा का पहली बार गठन 13 मई 1952 को हुई थी राज्यसभा की पहली बैठक
12 सदस्यों को राष्ट्रपति करते हैं नामांकित राज्यसभा के लिए
नामकरण
23 अगस्त, 1954 को राज्य सभा के सभापति ने घोषणा की कि काउंसिल ऑफ स्टेट्स को अब हिन्दी में 'राज्य सभा' कहा जाएगा।
स्थायी सदन
राज्यसभा को भंग नहीं किया जा सकता है। इसके एक तिहाई सदस्य हर दो साल बाद सेवानिवृत हो जाते हैं।
लोकसभा से भिन्न
6 साल के लिए चुने जाते हैं सदस्य, लोकसभा में पांच साल का कार्यकाल
30 साल है सदस्यों की न्यूनतम निर्धारित आयु। लोकसभा के लिए 25 वर्ष।
6 माह का अधिकतम अंतराल होना चाहिए राज्यसभा की दो बैठकों के बीच
05 केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान-निकोबार, चंडीगढ, दादरा-नगर हवेली, लक्षद्वीप और दमन-दीव का नहीं है राज्यसभा में प्रतिनिधित्व
04 राज्यसभा सदस्य इंदिरा गांधी, एचडी देवगोड़ा, इंद्र कुमार गुजराल और डा. मनमोहन सिंह बने प्रधानमंत्री
पहले सभापति
डॉ एस. राधाकृष्णन थे राज्यसभा के पहले सभापति। वे अकेले ऐसे सभापति हुए जो दो पूर्ण कार्यकाल (13 मई 1952 से 12 मई 1962) तक पद पर रहे।