सचिन श्रीवास्तव
इस वक्त यूरोप समेत पूरी दुनिया की नजरें 7 मई को होने वाले फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव पर लगी हैं। इस चुनाव का असर आने वाले कई दशकों तक दिखाई देगा यह तय है। फ्रांस के पांचवें गणराज्य में यह पहला मौका है, जब किसी राष्ट्रपति ने अगला चुनाव लडऩे से मना कर दिया था। फ्रास्वां ओलांद की अनिच्छा के बाद 11 उम्मीदवार पहले चरण में राष्ट्रपति भवन एलसी पैलेस जाने की दौड़ में शामिल थे। पहले चरण में किसी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत वोट नहीं मिले हैं, इसलिए फैसला 7 मई को दूसरे चरण की वोटिंग से होगा। जिसमें घोर दक्षिणपंथी नेता मरीन ली पेन और एमैनुअल मैक्रोन में सीधी टक्कर है। दशकों बाद ऐसे हालात बने है कि स्थिति स्पष्ट नजर नहीं आ रही है। इस बार के नतीजों को यूरोपीय संघ के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सोच का फासला
फ्रांस के राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल मरीन ली पेन और एमैनुएल मैक्रोन के बीच बहुत समानताएं हैं, तो सोच का फासला भी है। ली पेन अपने देश की सीमाओं को सुरक्षित करने और व्यापार को संरक्षण की नीति की पैरोकार हैं। वहीं मैक्रोन ग्लोबलाइजेशन के पक्षधर हैं और यूरोपीय यूनियन के साथ रहना चाहते हैं। विभिन्न मुद्दों पर दोनों प्रत्याशियों का
आकलन...
वोट
ली पेन: 21.43 प्रतिशत वोट पहले चरण में
मैक्रोन: 23.86 प्रतिशत मतदाताओं ने जताया भरोसा
खर्च और घाटा
ली पेन: 4.5 प्रतिशत लाने का लक्ष्य 2018 तक। 2022 में इसे 1.3 प्रतिशत करने का वादा
मैक्रोन: 3 प्रतिशत के यूरोपीयन यूनियन के औसत घाटे तक आने का लक्ष्य
यूरोपीय यूनियन पर
ली पेन: यूरो मुद्रा छोडऩे और यूरोपीय संघ से बाहर आने की वकालत
मैक्रोन: यूई में बने रहने और यूरो को मजबूत करने के पक्ष में हैं
टैक्स
ली पेन: छोटी कंपनियों पर कम टैक्स लगाने और विदेशी कामगारों पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाने की बात कर रही हैं।
मैक्रोन: कर्मचारियों और कारोबारियों की टैक्स दर में कटौती के पक्ष में हैं
रिफॉर्म
ली पेन: फ्रांसीसियों को नौकरियों में प्राथमिकता दिलाने का वादा
मैक्रोन: कंपनियों को ज्यादा छूट देने और उदार नीतियों की वकालत
रिटायरमेंट
ली पेन: सेवानिवृति की उम्र घटाकर 60 वर्ष करना चाहती हैं, जो 40 साल सेवा दे चुके हैं
मैक्रोन: मौजूदा कानून को ही जारी रखना चाहते हैं, लेकिन सार्वजनिक और निजी कर्मचारियों के लिए एक ही नियम।
अमरीका से रिश्ते
ली पेन: ट्रंप से अच्छे रिश्ते। दोनों कर चुके हैं एक दूसरे की तारीफ
मैक्रोन: आव्रजन नीतियों और मैक्सिको की दीवार जैसे मुद्दों पर ट्रंप की कर चुके हैं आलोचना
वीजा नीति और सुरक्षा
ली पेन: सीमा सुरक्षा सख्त करने की पक्षधर। साथ ही विदेशियों की प्रति वर्ष आमद 10 हजार करना चाहती हैं।
मैक्रोन: ज्यादा पुलिसकर्मियों और रक्षा पर ज्यादा खर्च के हैं पक्षधर
चरमपंथी हमले के बीच पहला चरण
23 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले राजधानी पेरिस में एक बंदूकधारी ने पुलिस बस पर हमला किया था। इस हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी, जबकि दो गंभीर घायल हो गए थे। इसके पहले पेरिस में आतंकवादी हमले का असर भी चुनाव पर दिखाई दे रहा है।
230 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है बीते दो साल में आतंकी हमलों में
फ्रांस को मिल सकती है पहली महिला राष्ट्रपति
2002 के चुनाव में ली पेन के पिता और नस्लभेद के आरोपी जीन मारी ली पेन पहले चरण के बाद दूसरे स्थान पर आए थे। उस वक्त जीन की दावेदारी ने सबको चौंकाया था। हालांकि, वे जैक शिरॉक से हार गए थे। एक बार फिर ली पेन अपने पारिवारिक इतिहास के पार जाने की कोशिश में हैं। अगर वे राष्ट्रपति बनीं तो फ्रांस में इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला होंगी।
ट्रंप का असर है चुनाव पर
धुर दक्षिणपंथी मरीन ली पेन ने अपने घोषणापत्र में ही वैश्विकरण और कट्टरपंथी इस्लाम पर हमला बोला था। ली के मुताबिक, वैश्वीकरण धीरे-धीरे समाज का गला घोंट रहा है। वे अमरीका में ट्रंप के चुनाव और ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से बाहर जाने के बाद के हालात को भुनाने की कोशिश में हैं। वे नेशनल फ्रंट को फ्रांसीसियों की पार्टी बताती हैं और मुक्त, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश का वादा करती हैं।
50 लाख मुस्लिम रहते हैं फ्रांस में। पश्चिमी यूरोप के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा
इस वक्त यूरोप समेत पूरी दुनिया की नजरें 7 मई को होने वाले फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव पर लगी हैं। इस चुनाव का असर आने वाले कई दशकों तक दिखाई देगा यह तय है। फ्रांस के पांचवें गणराज्य में यह पहला मौका है, जब किसी राष्ट्रपति ने अगला चुनाव लडऩे से मना कर दिया था। फ्रास्वां ओलांद की अनिच्छा के बाद 11 उम्मीदवार पहले चरण में राष्ट्रपति भवन एलसी पैलेस जाने की दौड़ में शामिल थे। पहले चरण में किसी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत वोट नहीं मिले हैं, इसलिए फैसला 7 मई को दूसरे चरण की वोटिंग से होगा। जिसमें घोर दक्षिणपंथी नेता मरीन ली पेन और एमैनुअल मैक्रोन में सीधी टक्कर है। दशकों बाद ऐसे हालात बने है कि स्थिति स्पष्ट नजर नहीं आ रही है। इस बार के नतीजों को यूरोपीय संघ के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सोच का फासला
फ्रांस के राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल मरीन ली पेन और एमैनुएल मैक्रोन के बीच बहुत समानताएं हैं, तो सोच का फासला भी है। ली पेन अपने देश की सीमाओं को सुरक्षित करने और व्यापार को संरक्षण की नीति की पैरोकार हैं। वहीं मैक्रोन ग्लोबलाइजेशन के पक्षधर हैं और यूरोपीय यूनियन के साथ रहना चाहते हैं। विभिन्न मुद्दों पर दोनों प्रत्याशियों का
आकलन...
वोट
ली पेन: 21.43 प्रतिशत वोट पहले चरण में
मैक्रोन: 23.86 प्रतिशत मतदाताओं ने जताया भरोसा
खर्च और घाटा
ली पेन: 4.5 प्रतिशत लाने का लक्ष्य 2018 तक। 2022 में इसे 1.3 प्रतिशत करने का वादा
मैक्रोन: 3 प्रतिशत के यूरोपीयन यूनियन के औसत घाटे तक आने का लक्ष्य
यूरोपीय यूनियन पर
ली पेन: यूरो मुद्रा छोडऩे और यूरोपीय संघ से बाहर आने की वकालत
मैक्रोन: यूई में बने रहने और यूरो को मजबूत करने के पक्ष में हैं
टैक्स
ली पेन: छोटी कंपनियों पर कम टैक्स लगाने और विदेशी कामगारों पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाने की बात कर रही हैं।
मैक्रोन: कर्मचारियों और कारोबारियों की टैक्स दर में कटौती के पक्ष में हैं
रिफॉर्म
ली पेन: फ्रांसीसियों को नौकरियों में प्राथमिकता दिलाने का वादा
मैक्रोन: कंपनियों को ज्यादा छूट देने और उदार नीतियों की वकालत
रिटायरमेंट
ली पेन: सेवानिवृति की उम्र घटाकर 60 वर्ष करना चाहती हैं, जो 40 साल सेवा दे चुके हैं
मैक्रोन: मौजूदा कानून को ही जारी रखना चाहते हैं, लेकिन सार्वजनिक और निजी कर्मचारियों के लिए एक ही नियम।
अमरीका से रिश्ते
ली पेन: ट्रंप से अच्छे रिश्ते। दोनों कर चुके हैं एक दूसरे की तारीफ
मैक्रोन: आव्रजन नीतियों और मैक्सिको की दीवार जैसे मुद्दों पर ट्रंप की कर चुके हैं आलोचना
वीजा नीति और सुरक्षा
ली पेन: सीमा सुरक्षा सख्त करने की पक्षधर। साथ ही विदेशियों की प्रति वर्ष आमद 10 हजार करना चाहती हैं।
मैक्रोन: ज्यादा पुलिसकर्मियों और रक्षा पर ज्यादा खर्च के हैं पक्षधर
चरमपंथी हमले के बीच पहला चरण
23 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले राजधानी पेरिस में एक बंदूकधारी ने पुलिस बस पर हमला किया था। इस हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी, जबकि दो गंभीर घायल हो गए थे। इसके पहले पेरिस में आतंकवादी हमले का असर भी चुनाव पर दिखाई दे रहा है।
230 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है बीते दो साल में आतंकी हमलों में
फ्रांस को मिल सकती है पहली महिला राष्ट्रपति
2002 के चुनाव में ली पेन के पिता और नस्लभेद के आरोपी जीन मारी ली पेन पहले चरण के बाद दूसरे स्थान पर आए थे। उस वक्त जीन की दावेदारी ने सबको चौंकाया था। हालांकि, वे जैक शिरॉक से हार गए थे। एक बार फिर ली पेन अपने पारिवारिक इतिहास के पार जाने की कोशिश में हैं। अगर वे राष्ट्रपति बनीं तो फ्रांस में इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला होंगी।
ट्रंप का असर है चुनाव पर
धुर दक्षिणपंथी मरीन ली पेन ने अपने घोषणापत्र में ही वैश्विकरण और कट्टरपंथी इस्लाम पर हमला बोला था। ली के मुताबिक, वैश्वीकरण धीरे-धीरे समाज का गला घोंट रहा है। वे अमरीका में ट्रंप के चुनाव और ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से बाहर जाने के बाद के हालात को भुनाने की कोशिश में हैं। वे नेशनल फ्रंट को फ्रांसीसियों की पार्टी बताती हैं और मुक्त, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश का वादा करती हैं।
50 लाख मुस्लिम रहते हैं फ्रांस में। पश्चिमी यूरोप के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा