लारा दत्ता के कारण हॉलीवुड नहीं जा पा रहे अभिषेक

अभिषेक बच्चन को यदि हॉलीवुड जाना हो तो उन्हें शायद अमिताभ के अलावा किसी से सलाह नहीं लेनी पडेगी... लेकिन आज टीवी पर देखा कि लारा दत्ता के कारण अभिषेक हॉलीवुड नहीं जा पा रहा है.... बात तो बहुत सीधी सी है लेकिन इसकी तकरार को गुलजार ने जिस खूबसूरत अंदाज में पेश किया है वह लाजबाव है.... शुरुआत में लारा पर फिल्माए बोल में से मौसियो मुझे समझ नहीं पड रहा था... साथी मुकेश कुमार ने बताया कि यह फ्रेंच का शब्द है और इसके मायने हैं - महोदय.. बस बात समझ में आ गई.. और गुलजार की शायरी का एक और नायाब मोती तो था ही... सो इस बार पढिए टिकट टू हॉलीवुड....

अखियों के नीले, शीश महल में
सोनिए नि सोनिए
बैजा नि बैजा
दो दिन जीना है, इक दिन रेहजा
तेर बिना जीना भी क्या

ओस में घोली, मिंट की गोली
निरी खुशबू बीबा
कन्नी से काटे, मांझे की डोरी
काटेगी तू बीबा


औना पौना ही सही, दिल का
कोना ही सही
लौटा दे मेरा टिकट टू हॉलीवुड
टिकट टू हॉलीवुड, अरे टिकट टू हॉलीवुड, लौटा दे -4


ओस में घोली, मिंट की गोली
निरी खुशबू बीबा
कन्नी से काटे, मांझे की डोरी
काटेगी तू बीबा
जमीं से दो इंच ऊपर
हवा पे चलती है तू
कहीं पैरों का निशां जो पडे तो
झुकूं
शहर के उस मोड पर
जहां से तू पास हो
कहे मैं जिंदगी भर वहीं पे रुकूं

नो नो मौसियो, नो नो
इतना सिंपल नहीं
चल दफा हो कहीं
ओ ठेंगे से तेरा ये टिकट टू हॉलीवुड

टिकट टू हॉलीवुड, अरे टिकट टू हॉलीवुड, लौटा दे -4


गिम्मी गिम्मी गिम्मी, गिम्मी माई टिकट
गिम्मी गिम्मी, गिम्मी
माई टिकट
नो नो नो नो नो नो नो नो, मौसियो नो नो
नो नो नो नो नो नो नो,
मौसियो नो नो

माई टिकट टू हॉलीवुड
नो टिकट टू हॉलीवुड
माई टिकट टू हॉलीवुड
नो टिकट टू हॉलीवुड

अखियों के नीले, शीश महल में
सोनिए नि सोनिए
बैजा नि बैजा
दो दिन जीना है, इक दिन रेहजा तेर
बिना जीना भी क्या

ये जिद्दी है सख्त है
बडा ही कम्बख्त है
ये दिल जब जाए जिद से हट ता नहीं

तू रानी है फ्रांस की
मैं बांसुरी बांस की
हमारी सोसायटी में ये चलता नहीं

नो नो मौसियो, नो नो
इतना सिंपल नहीं
चल दफा हो कहीं
ओ लौटा दे मेरा टिकट टू हॉलीवुड

टिकट टू हॉलीवुड, अरे टिकट टू हॉलीवुड, लौटा दे -4