वह 47 के पहले था
कि दूर देश से आये दुर्दांत हत्यारों ने
कंपनी में भरती किये जवान
इसी देश के
और थमा दिये उन्हें कारतूस बंदूकों समेत, जिनमें थीं संगीनें
बंदूकों के निशाने पर थे
इसी देश के आमजन
जो कराह रहे थे कंपनी राज में
यह 2010 है
जहां-जहां थी कंपनी वहां-वहां है केंद्र
बाकी सब जस का तस
और अपने ही खिलाफ हम
(नारायणपुर में माओवादी हमले में मारे गये जवानों और हर रोज मर रहे लाखों लोगों को समर्पित)