अंधविश्वास : कुछ फुटकर नोट्स और टॉप के अंधविश्वासियों पर एक नजर: भाग चार
- अंधविश्वासी राजनीतिकों की लिस्ट में पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी भी शामिल हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद से जरदारी ने खुद को बुरी नजर से बचाने के लिए 500 से भी ज्यादा काले बकरों की बलि दे दी है। जरदारी हर रोज सुबह एक काले बकरे की बलि देते हैं। इतना ही नहीं अंधविश्वास के चलते जरदारी सिर्फ ऊंट और बकरी का ही दूध पीते हैं।
- अमेरिकी सीनेटर जॉन मेक्इन हमेशा अपने साथ एक लकी सिक्का, निकल (धातु), कंपस और एक पंख साथ में रखते हैं।
- वही अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा वोटिंग के पहले बास्केटबाल खेलने की परंपरा निभाते हैं।
- पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट 13 नंबर के अंधविश्वास से गहरे प्रभावित थे। वे महीने की 13 तारीख को कही यात्रा नहीं करते थे। वे अपनी यात्रा 12 या 14 के आंकडे में करते थे, इसके साथ उन्हें यह भी भ्रम था की एक ही माचिस से तीन सिगरेट नहीं जलना चाहिये।
- अमेरिका के एक अन्य राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमेन अपने घर के बाहर घोड़े की नाल टांगते थे। ऐसा माना जाता है कि घोड़े की नाल घर के मुख्य दरवाजे पर टांगने से घर में समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है। जब वे राष्ट्रपति बने तो अपने भवन के मुख्य द्वार पर भी घोड़े की नाल टांग रखी थी।
- बराक ओबामा की पत्नी मिशैल ओबामा पारम्परिक चॉकलेट कुकीज बनाने के एक खेल में हार गयी थी। इसके बाद सबने ओबामा की हार निश्चित मान ली थी, पर वे इलेक्शन जीत गए थे।
- पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अंतिम इलेक्शन के दौरान अपनी रेसिपी जमा कर दी थी, वही उनकी पत्नी पीछे रह गयी थीं। ऐसा माना गया कि इसकी वजह से बिल क्लिंटन इलेक्शन जीत गए थे।
- भारतीय नेताओं में वाइ एस राजशेखर रेड्डी जब दूसरी बार मुख्यमंत्री बने तो अंकज्योतिष के अनुसार 3 जून तक अपने चेंबर में नहीं गए थे, क्योंकि हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से उस दिन निर्जला एकादशी थी, जो अशुभ मानी जाती है। वे पूजा पाठ के बाद ही सुबह 7.15 बजे अपनी कुर्सी पर बैठे। उन्होंने भगवान वेंकटेश्वर, गिरजाघर और मुस्लिम धर्म के अनुसार पूजा अर्चना भी की थी। इसके बाद अपने अच्छे राजनीति कार्यकाल के लिए हनुमान मंदिर में पूजा के बाद ही कार्य शुरू किये थे। उसी दिन 8 मंत्रियों ने अंकज्योतिष के अनुसार ठीक 9 बजे से पहले अपने चेंबर में गए थे।
- ज्योतिष शास्त्री भैयु महाराज के शिष्य विलासराव देशमुख, शिवराज पाटिल, जयंत राव पाटिल और अशोक चव्हाण इन्हीं के कहे अनुसार कार्य रूपरेखा बनाते हैं।
- तो बाल ठाकरे को धार्मिक अनुष्ठान खासकर यज्ञ एवं आहुतियों में विश्वास है। उनका मानना है कि इससे ही राजनीति में एक मुकाम तय किया जा सकता है। देवगौड़ा भी अंकज्योतिषी में विश्वास करते हैं।
- मुसीबतों से बचने के लिए देवगौड़ा एक वक्त तक एक 'जादूई' चैन भी पहनते थे।
- उमा रेड्डी तो अपने आफिस में जाने से पहले नारियल तोडऩा नहीं भूलती थीं।
(यूं तो लेखक विवेकशील प्राणी होता है, लेकिन अंधविश्वास की जकडऩ से वह भी नहीं बच पाये। हालांकि कुछ हद तक वे सनकी ही रहे, लेकिन सनक के साथ पाली गई आदतें नियम बन जायें तो उन्हें अंधविश्वास की श्रेणी में ही रखा जाएगा। लेखकों के टोटकों के बारे में जानेंगे अगली पोस्ट में)