यह पोस्ट नितांत निजी है. मेरी एकमात्र प्रेमिका जो अब दोस्त भी है और हमसफर भी, से पिछले…
विजय झा जी का हल्का सा परिचय आपको करा चुका हूं. जो निजी तौर पर उन्हें जानते हैं वे यह…
मैंने कभी शराब नहीं छुई मैंने कभी सिगरेट को हाथ नहीं लगाया इश्क नहीं किया किसी हसीन आं…
चित्रकूट यात्रा अंतिम किस्त तेज बारिश में किसी पहाडी के ऊपर घास पर पडती बूंदें देखी ह…
चित्रकूट यात्रा भाग दो मुजमहिल 1 हो गये कुवा 2 गालिब वह अनासिर 3 में एतिदाल 4 कहां…
चार चित्रों में चार सूत्र हैं. पहला सूत्र इस तरह की कार्यशाला में दोस्तों की मंडली के …
हम छह और सात अक्तूबर को चित्रकूट में थे. पिछली पोस्ट में थोडा सा खाका खींचा था. उसके ज…
माधुरी दीक्षित ने हीरोइन से अदाकार तक की अपनी यात्रा में खूब नाचा है. और इसी नृत्य ने …
ज्यादा दिन नहीं बीते जब दिलीप मंडल ने शर्त लगाई थी कि मध्यावधि चुनाव होंगे. मैं भी शर्…
गजल सुनने का शऊर न मुझे कल था न आज है. 1998 में मेहबूब के घर के करीब मयकदा होने की रूम…
तकरीबन दो महीने के अंतराल के बाद कलाकार आमिर खान ने फिर से ब्लागिंग शुरू कर दी है. आम…
कुछ लोग समय के बाद पैदा होते हैं, कुछ लोग समय के पहले पैदा हो जाते हैं. समय पर जन्म ले…
दो हजार तीन का 17 सितंबर। यह एक दिन था. या किसी पहाडी से लुडकता सूरज का गोला. किसी भैं…
गुलजार हमारे समय के ही गीतकार हैं। यह एक सच है जिसपर मुझे कभी यकीन नहीं हुआ. परिचय स…
देश और प्रदेश के कई ख्यात रंगकर्मी, लेखक, कलाकार और संस्कृति कर्मी करेंगे भागीदारी …
Social Plugin